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Monday 31 October 2022

हरिद्वार के दार्शनिक स्थल की जानकारी | Haridwar tourist places to visit in hindi

 

हरिद्वार के दार्शनिक स्थल की जानकारी | Haridwar tourist places to visit in hindi

हरिद्वार के दार्शनिक स्थल की जानकारी Haridwar tourist places to visit in hindi

हरिद्वार भारत देश का जाना माना तीर्थ स्थल है, मोक्ष प्राप्ति के लिए लोग यहाँ जाते है. हरिद्वार उत्तराखंड प्रदेश का एक जिला है, जो समुद्र तल से 314 मीटर ऊंचाई पर स्थित है. हरिद्वार से तात्पर्य यह है कि हरी मतलब भगवन विष्णु द्वारा मतलब दरवाजा, इसका अर्थ है भगवन विष्णु तक पहुँचने का रास्ता. हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी बहती है. समुद्र मंथन के समय उज्जैन, नासिक, प्रयाग के साथ साथ हरिद्वार में भी अमृत गिरा था, जिसके बाद से हर 12 वें साल में यहाँ महाकुम्भ भरा जाता है. हरिद्वार भारत के सात पवित्र स्थल जिसे सप्तपुरी कहते है, उनमें से ये एक है. भारत के सात पवित्र स्थल इस प्रकार है –

haridwar tourist places
अयोध्या
मथुरा
वाराणसी
कांचीपुरम
द्वारका
उज्जैन
हरिद्वार

हरिद्वार के दार्शनिक स्थल की जानकारी Haridwar tourist places to visit in hindi

हरिद्वार उत्तराखंड की पहाड़ियों के बीच बसा सुंदर धार्मिक शहर है, जहाँ देश विदेश से लोग जाते है. यहाँ हर तरफ भजन कीर्तन, घंटे की आवाज सुनाइ देती है. हिन्दुओं के बड़े मुख्य तीर्थ केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री यमनोत्री, ऋषिकेश जाने का रास्ता भी यही से शुरू होकर जाता है. हरिद्वार को माता सती का घर भी कहा जाता है, इसे गंगाद्वार, मायापुरी नाम से भी जानते है.

हरिद्वार कैसे पहुंचे (How to reach haridwar) 

  • हवाईजहाज के द्वारा (by air) – हरिद्वार का निकटतम एअरपोर्ट देहरादून का जॉली ग्रांट एअरपोर्ट है. ये देहरादून से 22 किलोमीटर दूर है, एवं हरिद्वार से 41 किलोमीटर दूर है. इस एअरपोर्ट से हर बड़े शहर की डायरेक्ट फ्लाइट रोज नहीं रहती है. लेकिन दिल्ली से यहाँ फ्लाइट मिल जाती है. इस एअरपोर्ट से हरिद्वार जाने के लिए प्राइवेट टैक्सी, या रेगुलर बस मिल जाती है.
  • ट्रेन के द्वारा (by train) – हरिद्वार में रेलवे जंक्शन है, जिससे देश के हर कोने से ट्रेन की आवाजाही है. ट्रेन से आसानी से हरिद्वार पहुंचा जा सकता है.
  • रोड के द्वारा (by road) – देश के बड़े शहरों से यहाँ के लिए लक्ज़री बस चलती है. दिल्ली से यहाँ रेगुलर हर तरह की बस चलती है. दिल्ली से हरिद्वार 209 किलोमीटर है, जहाँ अपनी प्राइवेट गाडी के द्वारा भी जाया सकता है.

हरिद्वार जाने का सही समय (Haridwar best time to visit)

हरिद्वार जाने के लिए अपनी सुविधानुसार समय चुने. बरसात में कही भी जाना असुविधाजनक ही जाता है, बारिश की वजह से अच्छे से कहीं भी नहीं घूम पाते है. हरिद्वार भी बारिश में जाना थोडा मुसीबत वाला हो सकता है. एक तो बारिश में यहाँ पहाड़ी इलाका होने के कारण आये दिन पहाड़ गिरने, रोड बंद होने की खबर आती है. इसलिए यहाँ बारिश के बाद सितम्बर से जून तक जाया जा सकता है. यहाँ ठण्ड भी कड़ाके की पड़ती है, इसलिए अधिक ठण्ड पड़ने पर प्लान को थोडा आगे बढ़ा दें.

हरिद्वार में घुमने वाले स्थान (Haridwar India points of interest ) :

हरिद्वार मुख्यता धार्मिक स्थान है, यहाँ बहुत पुराने मान्यता वाले मंदिर है, जिसकी अलग अलग कहानी और लोगों की आस्था है. यहाँ बहुत सारे सुंदर सुंदर घाट भी है, जहाँ रोज गंगा जी की महाआरती होती है.

  1. हर की पौरी – हरिद्वार का ये मुख्य आकर्षण है, इसे ब्रह्मकुंड भी कहलाता है. माना जाता है है, विष्णु जी खुद आया करते है, उनके पद चिन्हों को आज भी देखा जा सकता है. यहाँ गंगा जी बड़ा घाट है, इस घाट के पहले गंगा जी पहाड़ियों से नीचे आती हुई ही दिखाई देती है, ये पहला मैदानी स्थान है, जहाँ गंगा जी आती है. कुम्भ मेला व अर्द्ध कुम्भ मेला के समय ये घाट की रौनक देखने लायक होती है, उस समय ये मुख्य घाट हुआ करता है. इस घाट में अस्थि विसर्जन, मुंडन का कार्य मुख्य रूप से किया जाता है.
  2. चंडी देवी मंदिर – यह मंदिर दुर्गा माता के रूप चंडी का है. नवरात्र व कुम्भ के समय में यहाँ भक्तों का जमावड़ा लगता है. भारत देश में मौजूद माता सती के 52 शक्तिपीठ में से ये एक है. मंदिर की मूर्ती को आदि शंकराचार्य ने बनवाया व स्थापित किया था, लेकिन मंदिर को बनवाया 1929 में कश्मीर के किसी शासक ने था. ये मंदिर नील पर्वत पर स्थित है, जो हरिद्वार से 4 किलोमीटर दूर है, यहाँ गाड़ी, टैक्सी या रोपवे के द्वारा जाया जा सकता है.
  3. शांति कुंज – देश में सभी जगह फैले गायत्री परिवार का ये मुख्य गढ़ है. इसे 1971 में बनाया गया था. यहाँ आश्रम भी है जहाँ कई तरह की शिक्षाएं दी जाती है.
  4. माया देवी मंदिर – ये भी 52 शक्तिपीठ में से एक है. इसका निर्माण 11 वी शताब्दी में हुआ था. देवी सती के इस मंदिर की बहुत अत्याधिक मान्यता है, कहते है देवी के शरीर का दिल व नाभि यहाँ गिरा था, जो कोई यहाँ कोई मन्नत मांगता है उसकी मुराद पूरी होती है.
  5. मनसा देवी मंदिर – यह मंदिर बिलवा पर्वत जो शिवालिक पहाड़ियों में आता है, वहां स्थित है. यह मंदिर हरिद्वार से 3 किलोमीटर दूर है. इस मंदिर में मान्यता मांग कर मंदिर के पास पेड़ में धागा बांधा जाता है, कहते है इससे हर प्राथना पूरी होती है. मान्यता पूरी होने के बाद धागा खोलने के लिए फिर इस मंदिर में जाना जरुरी माना जाता है. इस मंदिर में सिर्फ रोपवे के द्वारा ही जाया जा सकता है, जिसे आम भाषा में उड़नखडोला भी कहते है.
  6. वैष्णो देवी मंदिर – कश्मीर के कटरा में स्थित वैष्णो देवी का मंदिर जग जग में प्रसिध्य है. उसी मंदिर के जैसे इस मंदिर को बनाया गया है. यह मंदिर भी पहाड़ी में स्थित है, जहाँ जाने के लिए वैष्णो देवी जैसे कठिन चढाई व गुफाओं से होते हुए जाता पड़ता है.
  7. पावन धाम – यह मंदिर अपने अनोखी व अलग तरह की कलाकृति के लिए जाना जाता है. इस मंदिर में मूर्तियों को कांच व आईने से दिवार पर बनाया गया है. इस मंदिर को 1970 में स्वामी वेदांता जी महाराज के द्वारा बनाया गया था.
  8. विष्णु घाट – कहते हैं यहाँ स्वयं भवान विष्णु ने स्नान किया था. इस घाट की मान्यता है कि यहाँ नहाने से सारे पाप मिट जाते है. पुरे हरिद्वार में सबसे अधिक लोग इसी घाट में जाते है.
  9. भारत माता मंदिर – भारत देश का एकलौता ऐसा मंदिर जहाँ भारत माता को मूर्ती के रूप में पूजा जाता है. इस मंदिर का निर्माण 1983 में स्वामी सत्यमित्रानंद द्वारा किया गया था. मंदिर का उद्घाटन इंदिरा गाँधी ने किया था. मंदिर में 8 मंजिल है, हर एक मंजिल में अलग अलग देवी देवता, स्वतंत्रता संग्रामी की मूर्ती व फोटो है, साथ ही यहाँ भारत के इतिहास के बारे में कुछ अनजानी बातें भी पता चलती है. भारतीय इतिहास का यहाँ अच्छा संग्रहालय है.
  10. दूधाधारी बर्फानी मंदिर – यह मंदिर बर्फानी बाबा के द्वारा उनके आश्रम में बनाया गया था. इस मंदिर को सफ़ेद संगरमर से बनाया गया है, जहाँ सभी देवी देवताओं के मंदिर मौजूद है.
  11. चिल्ला अभयारण्य – हरिद्वार से 11 किलोमीटर दूर ये अभयारण्य पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है. धार्मिक मंदिर से दूर ये प्रकति की सैर कराता है, जहाँ कई तरह जंगली जानवर देखने को मिलते है.
  12. सप्तऋषि आश्रम – यहाँ सात ऋषि बैठ कर एक साथ तप आराधना किया करते थे. इसे सप्तऋषि कुंड भी कहते है.
  13. पारद शिवलिंग – इस शिवलिंग 150 किलो का है. यहाँ महाशिवरात्रि में मेला लगता है, यहाँ रुद्राक्ष का पेड़ है, जिसे देखने मुख्य रूप से लोग यहाँ जाते है.

हरिद्वार में धार्मिक शांति के साथ प्रकति के कई रूप देखने को मिलेंगें. यहाँ लोग मन की शांति के लिए जाते है. विदेश से सेनानी यहाँ जाते है, और हिन्दू धर्म में लीन हो जाते है और उसे ही अपना लेते है.

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