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Saturday 29 October 2022

भारतीय सेना का नया वेपन पाक और चीन दोनों को आसनी से काबू कर लेगा ये 'प्रचंड'. . . .

 

भारतीय सेना का नया वेपन पाक और चीन दोनों को आसनी से काबू कर लेगा ये 'प्रचंड'. . . .

इंडियन आर्मी चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर 'प्रचंड' को तैनात कर रही है। आर्मी एविएशन को अब तक ऐसे तीन हेलिकॉप्टर मिल चुके हैं। चौथा हेलिकॉप्टर इस महीने के आखिर तक मिल जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, आर्मी इन्हें असम के मीसामारी में तैनात कर रही है। पिछले साल ही मीसामारी में नई आर्मी एविएशन ब्रिगेड बनाई गई है। यह इलाका लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से 250, किलोमीटर दूर है।



 • सेना को कब मिले LCH? 

आर्मी ने हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर की पहली स्क्वॉड्रन इस साल जून में बेंगलुरु में बना ली थी। सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु में 351 आर्मी एविएशन स्क्वॉड्रन को 3 ऐसे लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) मिल चुके हैं। चौथा हेलिकॉप्टर इसी महीने आखिर में मिलेगा, जिसके बाद स्क्वॉड्रन को मीसामारी शिफ्ट किया जाएगा। पाचवा हेलिकॉप्टर नवंबर के आखिर तक मिलने की उम्मीद है। 

हेलिकॉप्टर कितने खास? 


सेना के लिए बने हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर में 20 MM की गन एयरफोर्स को मिले प्रचंड में फ्रांस की मिस्त्राल-2 मिसाइल लगनी हैं। भारतीय सेना को अभी 5 प्रचंड ही मिल रहे हैं, लेकिन सेना ऐसे 95 और हेलिकॉप्टर लेने की कोशिश कर रही है। एयरफोर्स के लिए अभी 10 हेलिकॉप्टर का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है, लेकिन एयरफोर्स को 65 और हेलिकॉप्टर चाहिए। सूत्रों के मुताबिक ये सब करीब 10-15 साल के भीतर मिल पाएंगे। आर्मी एविएशन की तीन ब्रिगेड हैं- लेह, मीसामारी और जोधपुर में।



किसने बनाया LCH? 


स्वदेशी प्रचंड को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने डिजाइन और डिवेलप किया है। इसका वजन - 20 MM की गन और 70 MM के रॉकेट

5.8 टन है। हल्के वजन का फायदा यह है कि ये से होंगे लैस ऊंचाई वाले इलाकों में भी पूरी क्षमता से मिसाइल । एंटी टैंक गाइडे मिसाइल हेलिना भी होगी

और अन्य हथियारों के साथ ऑपरेट कर सकते हैं। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें


कब जरूरत महसूस हुई? 


करगिल युद्ध के वक्त भी इन हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की जरूरत सेना को महसूस की गई थी।



इस हेलिकॉप्टर की मारक क्षमता का दायरा 500 किलोमीटर तक है। यह 21 हजार फीट तक की होगी और 70 एमएम का रॉकेट होगा। इसमें एंटी ऊंचाई पर काम कर सकते हैं। इसकी अधिकतम टैंक गाइडेड मिसाइल हेलिना होगी। हवा से हवा स्पीड 330 किमी/घंटा है। 


यह दुनिया का पहला में मार करने वाली मिसाइल भी होगी, लेकिन । ऐसा अटैक हेलिकॉप्टर है, जो सियाचिन जैसे यह वायुसेना को मिले 'प्रचंड' से अलग होगी। इलाके में भी पूरी क्षमता से काम कर सकता है।

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